1• बहोत रोका इस दिल को लेकिन,
कहाँ तक रोकता
मोहब्बत बढ़ती ही गई तेरे नखरों की तरह ।।
2• जलने वाले की दूआ से ही सारी बरकत है,
वरना अपना कहने वाले तो याद भी नही करते ।।
3• उनकी जब मर्जी होती है वो
हमसे बात करते है ,
हमारा पागलपन तो देखिये,
हम पूरा दिन उनकी मर्जी का इंतेजार करते है।।
4• कभी किसी से प्यार मत करना,
हो जाये तो इंकार मत करना ।
चल सको तो चलना उस राह पर ,
वरना किसी की ज़िन्दगी ख़राब मत करना ।।
5• जिनकी मोहब्बत सच्ची होती है
अकसर उन्हीं लोगों की कहानियाँ अधूरी रह जाती हैं ।।
6• आज लोग इज्जत से भाई कहकर बुलाते हैं
फिर भी वो सुुकुन नहीं मिलता
जो वो प्यार से उल्लू कहती है ।।
7• छोटी सी लिस्ट है मेरी "ख़्वाहिशों" की,
पहले भी "तुम" और आख़िरी भी "तुम" ।।
8• हम रूठे दिलों को मनाने में रह गए;
गैरों को अपना दर्द सुनाने में रह गए;
मंज़िल हमारी, हमारे करीब से गुज़र गयी;
हम दूसरों को रास्ता दिखाने में रह गए।।
9• तुझे चाहा तुझे बताया पर हक़ न जताया कभी,
खुद को तो रुलाया पर तुझे न सताया कभी ।।
10• मुझे फर्क नहीं पडता, तुम मेरे हो या नहीं,
.
लेकिन ये बताओ, जहाँ हो ठीक हो या नहीं ।।
11• कैसे बनाऊँ तेरी यादों से दूरियां,
दो कदम जाकर सौ कदम लौट आता हूँ ।।
12• कुछ ख्वाहिशों का अधूरा रह जाना ही ठीक है,
जिन्दगी जीने की ख्वाहिश बनी रहती है ।।
13• तेरे इश्क का कैदी बनने का अलग ही मजा है,
छूटने को दिल नहीं करता और उलझने में मजा आता है ।।
14• मोहब्बत भी ठंड जैसी है,
लग जाये तो बीमार कर देती है ।।
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